Monday, May 5, 2008


शमशीर के हौसले को सलाम

दांत टूट गए पर हिम्मत नही हारा
विनोद डोंगरे की कलम से
पुलिस की नौकरी करने वालों में हिम्मत और हौसलेमंद लोंगों की कमी लगातार महसूस की जा रही है। एक तरफ़ पुलिस के कर्मचारियों में आलस की बिमारी तो दूसरी तरफ़ उन पर राजनीती का दबाव. अपने पावर और पद का आख़िर वे कहाँ उपयोग करें...? लेकिन इन सभी बातों का ये मतलब बिल्कुल नही होता कि हिम्मत वाले अब नही रहे. आज भी कई ऐसे हौसलेमंद काम कर रहें हैं, जिनसे लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए. ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी का नाम है.... शमशीर खान. शमशीर इन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले मे थाना प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं. अंधे कत्ल के मामलों को सुलझाने मे शमशीर मास्टर माइंड के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले शमशीर को ला एंड आर्डर को कंट्रोल करने का तजुर्बा भी कम नही है.इसी राज्य के महासमुंद जिले की जनता उस पल का गवाह है, जब भीड़ को कंट्रोल करने मे शमशीर ने अपने सामने चार दांत तुड़वा डाले.फिर भी कर्तव्य को पूरा करने की दिशा में एक शिकन तक श्री खान के चेहरे में नही आयी.


जिले के एक काबिल अफसर शमशीर खान से वास्तव में दुसरे अधिकारिओं और कर्मचारियों को
सिख लेनी चाहिए। मेरा निजी राय है की ऐसे ऐसे समर्पित लोगों को प्रोत्साहित करने के
के लिए पुलिस विभाग को और शासन को कुछ असरदार कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसे काबिलियतों
की कमी नही बल्कि बढोतरी होती रहे।


बी एन मीणा, एडिसनल एसपी,
सिटी,
बिलासपुर, छत्तीसगढ़,भारत

शमशीर का यह कोई अकेला काम काम नही है, जिसके कारण पुलिस की नाक ऊँची हुई है.छत्तीसगढ़ में गोली चलाकर उत्तरप्रदेश भागने वालों को भी उसने पकड़ लाया और अपनी काबिलियत का बेहतरीन परिचय दिया है,अगर ऐसे ही काम पुलिस की वर्दी पहनने वाले सभी करें तो वह दिन दूर नही होगा, जब पुलिस गरीब जनता का मसिहा कहलायेगी.शमशीर के हौसले को बार .बार .सलाम,